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ऑनलाइन पैसा कैसे कमाए।

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ऑनलाइन पैसे कमाने के कई प्रभावी और विश्वसनीय तरीके हैं, जिनमें से कुछ प्रमुख विकल्प निम्नलिखित हैं: 1. एफिलिएट मार्केटिंग (Affiliate Marketing): इसमें आप विभिन्न उत्पादों या सेवाओं का प्रमोशन करके कमीशन अर्जित कर सकते हैं। जब कोई व्यक्ति आपके विशेष लिंक के माध्यम से खरीदारी करता है, तो आपको उसका एक हिस्सा मिलता है।  2. ब्लॉगिंग (Blogging): अपनी रुचि के किसी विषय पर ब्लॉग शुरू करके, आप विज्ञापन, स्पॉन्सरशिप, और एफिलिएट मार्केटिंग के माध्यम से आय प्राप्त कर सकते हैं। 3. फ्रीलांसिंग (Freelancing): लेखन, ग्राफिक डिजाइन, वेब डेवलपमेंट जैसी सेवाएं फ्रीलांस प्लेटफॉर्म्स पर प्रदान करके आप घर बैठे कमाई कर सकते हैं।  4. ऑनलाइन ट्यूशन (Online Tutoring): किसी विषय में विशेषज्ञता होने पर, आप ऑनलाइन प्लेटफॉर्म्स के माध्यम से छात्रों को पढ़ाकर आय अर्जित कर सकते हैं। 5. यूट्यूब चैनल (YouTube Channel): रोचक और उपयोगी वीडियो बनाकर, आप व्यूज़ और सब्सक्राइबर्स के माध्यम से विज्ञापन से कमाई कर सकते हैं। 6. कंटेंट राइटिंग (Content Writing): विभिन्न वेबसाइट्स और ब्लॉग्स के लिए लेख लिखकर आप पैसे कमा ...

प्रथम विश्व युद्ध (28 जुलाई 1914 - 11 नवंबर 1918)

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 प्रथम विश्व युद्ध (28 जुलाई 1914 - 11 नवंबर 1918) एक वैश्विक संघर्ष था, जिसे 'महान युद्ध' के नाम से भी जाना जाता है। इस युद्ध में मुख्यतः दो गुट शामिल थे: मित्र राष्ट्र—फ्रांस, ब्रिटेन, रूस, इटली, जापान, और 1917 के बाद से संयुक्त राज्य अमेरिका; और केंद्रीय शक्तियाँ—जर्मनी, ऑस्ट्रिया-हंगरी, ऑटोमन साम्राज्य, और बुल्गारिया।  युद्ध के प्रमुख कारण 1. आर्कड्यूक फ्रांज फर्डिनेंड की हत्या: 28 जून 1914 को ऑस्ट्रिया-हंगरी के उत्तराधिकारी आर्कड्यूक फ्रांज फर्डिनेंड और उनकी पत्नी की साराजेवो में हत्या कर दी गई। इस घटना ने ऑस्ट्रिया-हंगरी और सर्बिया के बीच तनाव को बढ़ाया, जिससे युद्ध की शुरुआत हुई।  2. राष्ट्रवाद और साम्राज्यवाद: यूरोप में विभिन्न राष्ट्रों के बीच बढ़ते राष्ट्रवादी और साम्राज्यवादी विचारों ने देशों के बीच प्रतिस्पर्धा और दुश्मनी को बढ़ावा दिया। 3. सैन्य गठबंधन: विभिन्न देशों के बीच बने सैन्य गठबंधनों ने एक देश के युद्ध में शामिल होने पर अन्य सहयोगी देशों को भी युद्ध में खींच लिया। युद्ध का परिणाम चार वर्षों तक चले इस विनाशकारी युद्ध में लगभग 1.7 करोड़ लोग मारे गए, जि...

12वी के बाद क्या करे।

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12वी के बाद क्या करे। 12वीं कक्षा उत्तीर्ण होने के बाद, आपके लिए कई करियर विकल्प उपलब्ध हैं, जो आपकी रुचि और अध्ययन क्षेत्र पर निर्भर करते हैं। नीचे विभिन्न स्ट्रीम्स के आधार पर संभावित कोर्स और करियर विकल्पों की जानकारी दी गई है। 1. विज्ञान (साइंस) स्ट्रीम: पीसीएम (भौतिकी, रसायन विज्ञान, गणित) के छात्र: इंजीनियरिंग (बी.टेक/बी.ई.): सिविल, मैकेनिकल, इलेक्ट्रिकल, कंप्यूटर साइंस आदि में विशेषज्ञता। बैचलर ऑफ आर्किटेक्चर (बी.आर्क): आर्किटेक्चर के क्षेत्र में करियर बनाने के लिए। बैचलर ऑफ कंप्यूटर एप्लीकेशन (बीसीए): आईटी और सॉफ्टवेयर क्षेत्र में रुचि रखने वालों के लिए। पीसीबी (भौतिकी, रसायन विज्ञान, जीवविज्ञान) के छात्र: एमबीबीएस: डॉक्टर बनने के लिए। बैचलर ऑफ डेंटल सर्जरी (बीडीएस): डेंटिस्ट्री में करियर के लिए। बैचलर ऑफ फार्मेसी (बी.फार्मा): फार्मास्यूटिकल क्षेत्र में। बैचलर ऑफ साइंस इन नर्सिंग (बी.एससी नर्सिंग): नर्सिंग क्षेत्र में करियर के लिए। 2. वाणिज्य (कॉमर्स) स्ट्रीम: ▪️चार्टर्ड अकाउंटेंसी (सीए): वित्तीय लेखा और कराधान में विशेषज्ञता। ▪️कंपनी सेक्रेटरी (सीएस): कंपनी कानून और कॉर्पोरेट ...

प्रथम विश्व युद्ध

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प्रथम विश्व युद्ध से संबंधित अधिक जानकारी प्राप्त करें #प्रथम विश्व युद् प्रथम विश्व युद्ध पहला वास्तविक वैश्विक संघर्ष था। 1914 से 1918 तक, कई महाद्वीपों में, समुद्र में और पहली बार, हवा में लड़ाई हुई। यह अभूतपूर्व पैमाने पर युद्ध था, जिसमें लड़ाई अक्सर दिनों के बजाय महीनों तक चलती थी। ब्रिटेन में, उद्योग, प्रौद्योगिकी और आबादी सभी को एक ऐसे संघर्ष के लिए जुटाया गया था, जिसमें दुनिया भर में दस मिलियन से अधिक सैनिकों की जान चली गई। # ब्रिटिश छापामार दल जाने के आदेश का इंतजार कर रहा है, 1916 #प्रतिद्वंद्वी गठबंधन प्रथम विश्व युद्ध में एंटेंटे पॉवर्स - जिसका नेतृत्व फ्रांस, रूस, ब्रिटिश साम्राज्य और बाद में इटली (1915 से) और संयुक्त राज्य अमेरिका (1917 से) ने किया - ने जर्मन, ऑस्ट्रो-हंगेरियन, बल्गेरियाई और ओटोमन साम्राज्यों के नेतृत्व वाली केंद्रीय शक्तियों को हराया। 1917 में वहां क्रांति के बाद रूस युद्ध से हट गया। #पश्चिमी मोर्चे पर गोला-बारूद का काफिला, 1916 पश्चिमी मोर्चा उत्तरी यूरोप के युद्धक्षेत्रों पर, ब्रिटिश साम्राज्य ने चैनल से स्विस सीमा तक 370 मील (600 किलोमीटर) तक फैली खाइ...

मोहनजोदड़ो का इतिहास

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मोहनजोदड़ो प्राचीन भारत के सिन्ध प्रांत का एक पुरातात्विक स्थल  #मोहनजोदड़ो का इतिहास            मोहनजोदड़ो का इतिहास प्राचीन भारत के एक सिंध प्रांत का एक पुरातात्विक स्थल है। मोहनजोदड़ो, सिंधु घाटी सभ्यता का एक प्रमुख शहर था। ये शहर पाकिस्तान के सिंध प्रांत में सिंधु नदी के किनारे बसा था। मोनजोदड़ो की खोज राखालदास बनर्जी ने 1922 ईस्वी में की थी। #मोनजोदड़ो का सभ्यता मोहन जोदड़ो का सिन्धी भाषा में इसका अर्थ है " शवों का टीला  "। यह दुनिया का सबसे पुराना नियोजित और उत्कृष्ट शहर माना जाता है। यह सिंघु घाटी सभ्यता का सबसे परिपक्व शहर है। यह नगर अवशेष सिन्धु नदी के किनारे  लरकाना जिला  में स्थित है। मोहन जोदड़ो शब्द का सही उच्चारण है 'मृतकों का टीला'। इसकी खोज राखालदास बनर्जी ने 1922 ई. में की। भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण के महानिदेशक जान मार्शल के निर्देश पर खुदाई का कार्य शुरु हुआ। यहाँ पर खुदाई के समय बड़ी मात्रा में इमारतें, धातुओं की मूर्तियाँ, और मुहरें आदि मिले। पिछले 100 वर्षों में अब तक इस शहर के एक-तिहाई भाग की ही खुदाई हो सकी है, और...

महाशिवरात्रि कब है

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26 फरवरी 2025 महाशिवरात्री  महाशिरात्रि कब है?           इस साल 26 फरवरी 2025 को महाशिवरात्रि का व्रत हैं। जो ये शंकर और पार्वती के शादी के शुभ अवसर पर महाशिरात्रि का पर्व आयोजन किया जाता हैं। जिसमें सभी जगह के लोग जगह-जगह मंदिरों पर भगवान शिव की पूजा करते हैं और उनकी रथ यात्रा निकालते है। महाशिवरात्रि व्रत कब है? महाशिवरात्रि फाल्गुन मास के कृष्ण पक्ष की चतुर्दशी तिथि को महाशिवरात्रि का पर्व मनाया जाता है और इस बार यह शुभ तिथि 26 फरवरी दिन बुधवार को है. इस दिन भोलेबाबा के भक्त आस्था, विश्वास और श्रद्धा के साथ व्रत करते हैं और भगवान शिव और माता पार्वती की विधि विधान के साथ पूजा अर्चना करते हैं। महाशिवरात्रि का महत्व: महाशिवरात्रि पर भगवान शिव और माता पार्वती का विवाह हुआ था। इसके अलावा हर महीने आने वाली चतुर्थी तिथि का विशेष महत्व बताया गया है। ऐसी मान्यता है कि इस दिन चंद्रमा सबसे कमजोर स्थिति में होता है इसलिए भगवान शिव ने उसे अपने मस्तक पर धारण किया। इसलिए इस दिन जो व्यक्ति भगवान शिव की उपासना करता है उसकी कुंडली से चंद्र दोष भी दूर हो जाता है। By:- Sa...